tag:blogger.com,1999:blog-9036770449666276227.post2257063292550449157..comments2023-10-04T16:22:38.811+05:30Comments on विद्रोही स्व-स्वर में: आगरा/1992 -93 (भाग-4)-लखनऊ यात्राvijai Rajbali Mathurhttp://www.blogger.com/profile/01335627132462519429noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-9036770449666276227.post-28868659047610665102012-01-07T13:47:25.621+05:302012-01-07T13:47:25.621+05:30गोरखनाथ जी नमस्ते,
यह तो ब्लाग शुरू करने के बाद व...गोरखनाथ जी नमस्ते,<br /><br />यह तो ब्लाग शुरू करने के बाद व्यक्तिगत अनुभवों को लिखने का विचार आया जिसे याददाश्त के मुताबिक लिखता चल रहा हूँ। मैंने पूर्व मे कोई डायरी नहीं लिखी थी। लिख भी सिर्फ इसलिए रहा हूँ कि,यदि किसी को मेरे द्वारा खाई ठोकरों से बचने का अपने लिए मार्ग मिल सके तो वह बच सके।vijai Rajbali Mathurhttps://www.blogger.com/profile/01335627132462519429noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9036770449666276227.post-8432626541817681442012-01-07T13:38:44.790+05:302012-01-07T13:38:44.790+05:30गुरूजी प्रणाम ! आप के प्रतेक लेख गजब के है ! कभी -...गुरूजी प्रणाम ! आप के प्रतेक लेख गजब के है ! कभी - कभी मुझे आश्चर्य होता है की इतनी गहन sentence को आप remember कैसे रखते है या जीवनी की डायरी लिख रखे है ! बेहद सुन्दरG.N.SHAWhttps://www.blogger.com/profile/03835040561016332975noreply@blogger.com