सोमवार, 22 जून 2020

डॉ अजीत माथुर



 डॉ अजीत माथुर के निधन की इस सूचना से व्यक्तिगत रूप से आघात लगा है। डॉ अजीत  माथुरसभा,आगरा के अध्यक्ष तो रहे ही थे उनसे हमारी रिश्तेदारी भी दरियाबाद के खानदानी तौर पर थी। रिश्ते में वह हमारे भांजे होते थे। उनकी माताजी ने ही स्पष्ट किया था कि वह खानदानी रिश्ते में हमारी बहन थीं। वह यू एस ए प्रवासी अजीत जी के छोटे भाई के संबंध में ज्योतिषीय सलाह के लिए मुझे बुलवाती थी। रश्मी जी ( डॉ अजीत की पत्नी ) भी मुझसे अपनी बेटी के विवाह के संदर्भ में परामर्श ले चुकी थीं। एक बार डॉ अजीत के बहनोई साहब भी उनके घर आए हुए थे जो ज्योतिष के विरुद्ध थे। रश्मी जी ने मुझसे उनका हाथ देख कर यह बताने को कहा कि उनके ऐसे विचार क्यों हैं? वह किसी को हाथ नहीं दिखाते थे परंतु रश्मी जी के जोर देने पर इस शर्त के साथ मुझे हाथ दिखाने को राजी हुए कि पहले मैं उनको यह बताऊँ कि वह करते क्या हैं ? सबसे पहले मैंने उनको दोनों हाथ उलट कर दिखाने को कहा फिर सीधे करके। उनको जब यह बताया कि आप या तो डॉ होंगे या मिलेटरी आफ़ीसर तब उनका स्पष्ट कहना था कि वह दोनों हैं अर्थात amc – आर्मी मेडिकल कोर में चिकित्साधिकारी हैं। लेकिन वह अब यह जानना चाहते थे कि यह निष्कर्ष कैसे निकाला ? उनको जब इसका आधार समझाया तो उनको ताज्जुब हुआ कि न तो पंडित लोग उलटे करके हाथ देखते हैं न ही दोनों हाथ जबकि मैंने ऐसा ही किया । उस समय वहाँ डॉ अजीत साहब की पत्नी व बहन दोनों उपस्थित थे दोनों के लिए यह पद्धति नई थी जबकि  हस्त – ज्योतिष का यह मूल सिद्धांत है। 
माथुरसभा के कार्यक्रमों में भी डॉ अजीत बड़ी आत्मीयता से ही मिलते रहे थे। उनके निधन की सूचना बेहद दुखद रही।  

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