तीन वर्ष आठ माह से ब्लाग जगत में 'क्रांतिस्वर' के माध्यम से सक्रिय हूँ और 10 सितंबर 2013 से 'साम्यवाद(COMMUNISM)' ब्लाग भी शुरू किया है। फेसबुक ग्रुप्स में ब्लाग-पोस्ट के लिंक्स इस लिए दिये जाते हैं कि अधिक से अधिक लोग उनका अवलोकन कर सकें। किन्तु खुद को कम्युनिस्ट कहने वाले कुछ ब्राह्मणवादी लोगों को 'सत्य' से परहेज है वे एक बार मेरा आई डी अस्थाई रूप से ब्लाक करा चुके थे अतः इस पोस्ट को भी उन लोगों ने फेसबुक पर फर्जी तरीके से गलत संदेश के जरिये ब्लाक करवा दिया है-
"केजरीवाल के भ्रष्टाचार-विरोधी ''मुहिम'' पर गदगद कम्युनिस्ट मार्क्सवादी राजनीतिक अर्थशास्त्र का ककहरा भी नहीं जानते----कविता कृष्णपल्लवी"
यदि वे वास्तविक कम्यूनिस्ट होते तो इस पोस्ट का अधिकाधिक प्रचार करते किन्तु उन लोगों ने इसे रुकवाने में अपना हित देखा। जबकि मेरे जन्मदिन संबंधी पोस्ट पर भी इन ब्राह्मणवादी कम्युनिस्टों की प्रतिक्रिया प्रतिकूल थी तमाम फेसबुक साथी जिनसे व्यक्तिगत परिचय भी नहीं है जन्मदिन पर ऐसे शुभकामना संदेश दे गए हैं जो भुलाए नहीं जा सकते हैं । उनमें से ही कुछ को नीचे उद्धृत किया जा रहा है। वैसे तो सभी शुभेच्छुओं को तत्काल धन्यवाद/आभार ज्ञापित कर दिया था किन्तु इस पोस्ट के माध्यम से सभी लोगों का एक बार फिर से शुक्रिया अदा करना मेरा फर्ज है ।
वैसे तो राजेश राज जी का कहना वाकई सही हो सकता है जो उन्होने अपने शुभकामना संदेश में व्यक्त किया है किन्तु मेरा सोचना है कि 'हम जो आज है वह अपने कल की वजह से हैं और हम जो आज हैं वह कल के लिए ही हैं'। मेरी समझ है कि अपने भविष्य को सुखद बनाने के लिए हमें अपने अतीत -बीते हुये कल-का मनन करते हुये गलतियों और धोखा खाने से बचना चाहिए। फिर हमारे सबक से दूसरे लोग भी लाभान्वित हो सकते हैं। कोरे आदर्शों की दुहाई देने से गलत लोगों के ही हौंसले बढ़ते हैं । एक नई शुरुआत के लिए गफलत से बचना चाहिए जिसके लिए बीती बातों का स्मरण सहायक हो सकता है।
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