शनिवार, 2 जनवरी 2016

हमारी सदाशयता को कमजोरी समझा गया ------ विजय राजबली माथुर

यह एक अच्छी बात थी जो सीखी व सिखाई थी कि, अपनी योग्यता व क्षमतानुसार दूसरों की अधिक से अधिक भलाई सोचे एवं करें। लेकिन यह भी एक सच है कि इसके परिणाम घातक ही रहे हैं। हमारी भलाई से लाभ उठाने वालों ने इसे हमारी सदाशयता नहीं कोई कमजोरी समझा। लाभ उठाने वाले हम लोगों को ही नुकसान पहुंचाने लगे तब हमें मजबूरन यह निर्णय करना पड़ा है कि अबसे किसी के साथ उदारता नहीं बरतेंगे, किसी का भला नहीं करेंगे। 2015 में इलाहाबादी प्रोफेसर, उल्टी टोपीवाला जैसे मिश्रा समर्थक, मिश्रा वादी अपने ज्ञानी होने के अहंकार से ग्रस्त लोगों ने मुझसे लाभ उठाकर मुझको नष्ट करने का बीड़ा उठा रखा है। उल्टी टोपीवाला का आस्ट्रेलियाई fb फ्रेंड भी उसकी इस मुहिम में जुड़ा हुआ है। 
एक बैंक अधिकारी ने यशवंत को घेरने का प्रयास एक बैंक कर्मचारी नेता और मिश्रा के चहेते केसरी के इशारे पर किया। ये बाजारवादी अब सिर्फ मुझे ही नहीं बल्कि मेरे पुत्र को भी परेशान करने पर आमादा हैं । अतः इनकी धूर्तता के चलते ही हम लोगों को भविष्य में किसी का भला न करने का निर्णय लागू करना होगा। हालांकि 2015 में ही ब्लाग जगत के पुराने साथी और fb पर भी फ्रेंड ज्ञान चंद मर्मज्ञ जी ने अपने निबंध संग्रह को भेंट कर हमारे ज्ञान में वृद्धि करने का अमूल्य उपहार प्रदान किया। उनको हम एक कवि के रूप में उनके ब्लाग से ही जानते थे। किन्तु उनके निबंध जो वास्तव में उनके 'संपादकीय लेख ' हैं उनके नाम के शब्दों-'ज्ञान' व 'मर्मज्ञ' को सर्वथा सार्थक करते हैं। वर्ष 2015 में यह ज्ञान भेंट हमारे लिए एक बड़ी प्रेरक शक्ति भी बनी है।




https://www.facebook.com/vijai.mathur/posts/992433697485273?pnref=story

*********************************************************************************


उल्टी टोपी वाला लगातार 'मिश्रा वाद ' का जहर घोल रहा था तब उसे रेस्टरिक्ट कर दिया था और जब उसने 'मिश्रा पुराण ' के नए-नए अध्याय बढ़ाने शुरू किए तब 'ब्लाक' कर दिया था और उससे किसी भी प्रकार का संपर्क न रखने की सूचना इसी वाल पर दे दी थी। लेकिन आज फिर अपरान्ह 03 : 36 से 03 : 46 के मध्य उसने 5 बार फोन काल्स किए जिनको अटेण्ड करने का सवाल ही नहीं था। काठ की हांडी सिर्फ एक बार ही आग पर चढ़ती है और वह खुद अपना व अपनी बेटी का ज्योतिषीय विश्लेषण हासिल कर चुका है अब और कुछ मुझसे जानकारी हासिल करना संभव नहीं है।
बड़े बाप का बेटा होने के गरूर में अटकल पच्चू जो कुछ भी वह लिख देता है चापलूस लोग उसे फटाफट लाईक कर डालते हैं। प्रस्तुत फोटो उसकी फूहड़ पन से भरी एक पोस्ट का है जिसमें उसने अपनी पत्नी व एक पड़ोसन की खिल्ली उड़ाई है और उसे 140 से अधिक लोगों के लाईक्स मिल चुके हैं जिसमें ब्राह्मण वह वकील साहब भी हैं जो 'एथीज़्म'के सबसे बड़े अलमबरदार खुद को बताते हैं। क्या एथीज़्म बाजारवादी अश्लीलता का ही पर्याय है? फूहड़ पन का प्रतीक है? इसी एथीज़्म ने आज केंद्र में पोंगा-पंथियों की फासिस्ट सरकार गठित करा दी है। यदि 'धर्म' के 'मर्म' को जनता को समझाया जाता तो जनता फासिस्टों के पोंगा-पंथ में फँसने से बच जाती और आज जो फासिस्ट तानाशाही का खतरा मंडरा रहा है उसका वजूद भी न होता।
उल्टी टोपी/खोपड़ी वाले जब तक प्रभावशाली रहेंगे। जनता को उल्टे उस्तरे से मूढ़ना फासिस्टों के लिए आसान बना रहेगा।

*****************************************************************
कल दिनांक 01 जनवरी 2016 को 10:33am,10 :34 am,06:46 pm आज दिनांक 02-01-16 को 01:38pm,01:39 pm पर फिर उल्टी टोपीवाला के फोन काल्स यह देखते हुये भी आए कि, उनको अटेण्ड किया ही नहीं जाएगा। जिनको काफी काबिल माना जाता हो वे इतना भी न समझते हों कि अनावश्यक तंग करने से भी अब उनकी कोई और चाल सफल नहीं हो सकती तब तो आश्चर्य ही होता है। 


Link to this post-



+Get Now!