घोटालू है क्या?
घोटालू यूनियन बैंक का एक कारिंदा है। यूनियन बैंक के अधिकारियों ने कमलानगर आर्यसमाज,आगरा में बताया था कि,'इस अर्थ पर अर्थ के बिना जीवन का कोई अर्थ नहीं है'। लिहाजा घोटालू का कार्य अर्थ अर्थात धन उगाहना है चाहे उसके लिए जितने भी पाप कर्म करने पड़ें। घोटालू को ईमानदारी और कर्तव्य का पालन करने वाले लोगों से घोर नफरत है। लिहाजा मैं उसकी हिट लिस्ट में सबसे ऊपर हूँ।
ब्लाग जगत में पूना प्रवासी भृष्ट-धृष्ट-निकृष्ट-ठग ब्लागर ने मेरे ज्योतिष ज्ञान के विरोध में जो मुहिम चलाई थी और जिसे कानपुर से संबन्धित डॉ अरुण प्रकाश मिश्रा और पटना प्रवासी सोनिया बहुखंडी गौड़ ने बल प्रदान किया था उनका सजातीय हमदर्द होने के कारण घोटालू ने अपने नवीनतम कदम के रूप में मेरे विश्लेषण को गलत साबित करने का प्रयास किसी अवधेश पांडे को मोहरा बना कर किया था।
अवधेश पांडे खुद को 39 वर्षीय बेरोजगार बताते हुये मुझसे ज्योतिषीय परामर्श लेने जब प्रथम बार आया था तो उसे निर्धारित समय पर संपर्क करने को कह दिया था। 13 अगस्त को वह निर्धारित समय पर आया और अपने बारे में जो विवरण लिख कर दे गया उसके अनुसार दो बातों की जानकारी चाही थी:
OBJECT,GOAL(CARIEER)
उसे 18 अगस्त को संपर्क करने को कह दिया था। उसका जो विश्लेषण उसे सौंपा था उसे पढ़ने के बाद उसने अपने जन्म वर्ष का काशी का पत्रा और कई कंप्यूटराइज्ड जन्मपत्रियाँ दिखते हुये गलत घोषित कर दिया और किसी और का हवाला देते हुये चुनौती देने लगा। उसके जवाब में उसे बता दिया कि न हम किसी को चुनौती देते हैं न किसी की चुनौती लेते हैं उसे परेशान रहना है तो शौक से परेशान होता रहे हमें कोई दिक्कत नहीं है और अपना विश्लेषण अपने पास ही रोक लिया ।
http://krantiswar.blogspot.in/2012/04/blog-post_19.html
प्रस्तुत लिंक पर दिये लेख द्वारा मैंने 19 अप्रैल 2012 को 'रेखा जी' के राजनीति में आने की संभावना व्यक्त की थी और तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल जी ने उनको 26 अप्रैल 2012 को राज्यसभा में मनोनीत करने की घोषणा कर दी थी। उसके बाद पूना प्रवासी भृष्ट-धृष्ट-निकृष्ट-ठग ब्लागर ने IBN7 में कार्यरत अपने चमचा ब्लागर से 'रेखा जी' के मनोनयन की खिल्ली उड़वाता लेख एवं 'ज्योतिष एक मीठा जहर' शीर्षक दूसरा लेख लिखवाया एवं डायचेवेले पुरुसकार प्राप्त दूसरे चमचा ब्लागर से भी ज्योतिष विरोधी लेख लिखवाये थे जबकि खुद उस भृष्ट ब्लागर ने चार कुंडलियों एवं उसकी शिष्य ब्लागर ने भी चार जन्म्पत्रियों एवं डॉ अरुण प्रकाश मिश्रा ने भी एक जन्मपत्री का निशुल्क विश्लेषण मुझसे प्राप्त किया था।
इनके अतिरिक्त तब कनाडा स्थित एक ब्लागर राजेश नचिकेता जी ने अपने जाब एवं स्थान परिवर्तन संबंधी जानकारी सहित जन्मपत्री का विश्लेषण प्राप्त किया था उनको भारत में जाब भी मिल गया तथा उन्होने अपने विवाह का निमंत्रण भी भेजा था एवं आभार भी व्यक्त किया था। वहीं तब कनाडा स्थित दूसरी ब्लागर डॉ मोनिका शर्मा ने भी मुझसे जन्मपत्री का निशुल्क ज्योतिषीय विश्लेषण प्राप्त किया था और स्थान परिवर्तन हेतु परामर्श लिया था। फेसबुक गतिविधियों से ज्ञात हुआ है कि वह भी अब मुंबई में सेटिल हो गई हैं किन्तु उनकी कविता भृष्ट ब्लागर द्वारा निशुल्क छाप देने से वह उसके प्रभाव में हैं इसलिए उसके प्रति वफ़ाफ़ादारी निभाने के कारण- राजेश नचिकेता जी की तरह मुझको औपचारिक सूचना देना उनको आवश्यक नहीं लगा होगा ।
आगरा कालेज में जूलाजी के विभाध्यक्ष रह चुके डॉ वी के तिवारी जी ने मुझसे कुल छह जन्म पत्रियों का शुल्क भुगतान करके विश्लेषण प्राप्त किया था और अपने निवास तथा पुत्र के इन्स्टीच्यूट में भी 'वास्तु' हवन मुझसे ही करवाए थे। 2004 ई में डॉ तिवारी जी ने कैंसर का आपरेशन भी मुझसे मुहूर्त लेकर ही करवाया और सफलता प्राप्त की थी।दिवंगत होने से पूर्व जब तक वह स्वस्थ रहे मेरे संपर्क में रहे।
भारत पेट्रोलियम के वरिष्ठ अधिकारी डॉ ब्रिज मोहन उपाध्याय जी जिनको पटना में गोली मारी गई थी जो उनके पेट को चीर कर पीठ से निकल गई थी आगरा में मुझसे संपर्क करने के बाद लाभान्वित रहे। उनके किरायेदार -फुटवियर ट्रेनिंग सेंटर के डिप्टी डाइरेक्टर राहुल पुरी जी ने भी मुझसे न केवल परामर्श लिया बल्कि अपने निवास पर 'वास्तु' हवन करवाए तथा दिल्ली स्थित अपनी विवाहिता बहन जी की जन्मपत्रियाँ मुझसे ही विश्लेषण करवाईं तथा सभी शुल्क सहर्ष दिये।
सपा नेता पंडित सुरेश पालीवाल जी ने भी अपने पुत्रों,पुत्र-वधू तथा पौत्री की जन्म्पत्रियो का सशुल्क विश्लेषण मुझसे करवाया तथा निवास पर अनेकों बार 'वस्तु' हवन करवाए।
उपरोक्त सभी लोग ब्राह्मण जाति से तो थे किन्तु समझदार व पढे-लिखे होने के कारण मुझ 'कायस्थ' से ज्योतिषीय व वास्तु परामर्श लेने में हिचके नहीं। परंतु घोटालू साहब जाहिल ब्राह्मण हैं उनकी पढ़ाई-लिखाई केवल धन-उगाही तक सीमित है विचारों से वह सामंतवादी और निरे दकियानूस हैं ;हालांकि अपनी पुत्री के विवाह संबंधी जानकारी जन्मपत्री द्वारा मुझसे निशुल्क प्राप्त कर चुकने के बावजूद एहसान फरामोशी की हदें पार करते हुये मुझे सपरिवार नष्ट करने का अभियान चलाये हुये हैं।घोटालू साहब ने हमारे निवास के इर्द-गिर्द रहने वाले कम से कम चार बैंक कर्मियों एवं कई वकीलों के माध्यम से हमारे विरुद्ध मुहिम चला रखी है। अपनी ननिहाल-क्षेत्र के एक ब्राह्मण पूर्व विधायक को भी लगाया था किन्तु शायद दाल-भात में मूसलचंद बनना उनको ठीक नहीं लगा होगा और अब वह अलग हो गए। अपने ननिहाल से संबन्धित अपनी एक भाभी (जो निकृष्टम ठग ब्लागर की भी निकटस्थ हैं)के रिश्तेदार एक राजनीतिक दल के प्रदेशाध्यक्ष(जो अब पूर्व प्रदेशाध्यक्ष हो गए हैं) को भी घोटालू साहब ने अपनी दोस्ती के बूते हमारे विरुद्ध लगाया हुआ है जो कि पूर्व बैंक कर्मी होने के अलावा वकील भी हैं ।
भृष्ट-धृष्ट ब्लागर और उसके साथी ब्लागर्स तथा घोटालू साहब मेरे ज्योतिषीय विश्लेषणों को गलत साबित करके 'पोंगापंथी-ढ़ोंगी-ठग व लुटेरे' लोगों का बचाव करना चाहते हैं जो जनता को उल्टे उस्तरे से मूढ़ते हैं। ये लोग शोषकों-उतपीडकों/व्यापारियों/उद्योगपतियों के दलाल हैं और उनके ही दूसरे ढ़ोंगी-पोंगापंथी दलालों का संरक्षण करने हेतु मुझ पर प्रहार करवा रहे हैं। अवधेश पांडे का असफल प्रयास भी इसी कड़ी का हिस्सा था।
घोटालू यूनियन बैंक का एक कारिंदा है। यूनियन बैंक के अधिकारियों ने कमलानगर आर्यसमाज,आगरा में बताया था कि,'इस अर्थ पर अर्थ के बिना जीवन का कोई अर्थ नहीं है'। लिहाजा घोटालू का कार्य अर्थ अर्थात धन उगाहना है चाहे उसके लिए जितने भी पाप कर्म करने पड़ें। घोटालू को ईमानदारी और कर्तव्य का पालन करने वाले लोगों से घोर नफरत है। लिहाजा मैं उसकी हिट लिस्ट में सबसे ऊपर हूँ।
ब्लाग जगत में पूना प्रवासी भृष्ट-धृष्ट-निकृष्ट-ठग ब्लागर ने मेरे ज्योतिष ज्ञान के विरोध में जो मुहिम चलाई थी और जिसे कानपुर से संबन्धित डॉ अरुण प्रकाश मिश्रा और पटना प्रवासी सोनिया बहुखंडी गौड़ ने बल प्रदान किया था उनका सजातीय हमदर्द होने के कारण घोटालू ने अपने नवीनतम कदम के रूप में मेरे विश्लेषण को गलत साबित करने का प्रयास किसी अवधेश पांडे को मोहरा बना कर किया था।
अवधेश पांडे खुद को 39 वर्षीय बेरोजगार बताते हुये मुझसे ज्योतिषीय परामर्श लेने जब प्रथम बार आया था तो उसे निर्धारित समय पर संपर्क करने को कह दिया था। 13 अगस्त को वह निर्धारित समय पर आया और अपने बारे में जो विवरण लिख कर दे गया उसके अनुसार दो बातों की जानकारी चाही थी:
OBJECT,GOAL(CARIEER)
उसे 18 अगस्त को संपर्क करने को कह दिया था। उसका जो विश्लेषण उसे सौंपा था उसे पढ़ने के बाद उसने अपने जन्म वर्ष का काशी का पत्रा और कई कंप्यूटराइज्ड जन्मपत्रियाँ दिखते हुये गलत घोषित कर दिया और किसी और का हवाला देते हुये चुनौती देने लगा। उसके जवाब में उसे बता दिया कि न हम किसी को चुनौती देते हैं न किसी की चुनौती लेते हैं उसे परेशान रहना है तो शौक से परेशान होता रहे हमें कोई दिक्कत नहीं है और अपना विश्लेषण अपने पास ही रोक लिया ।
http://krantiswar.blogspot.in/2012/04/blog-post_19.html
प्रस्तुत लिंक पर दिये लेख द्वारा मैंने 19 अप्रैल 2012 को 'रेखा जी' के राजनीति में आने की संभावना व्यक्त की थी और तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल जी ने उनको 26 अप्रैल 2012 को राज्यसभा में मनोनीत करने की घोषणा कर दी थी। उसके बाद पूना प्रवासी भृष्ट-धृष्ट-निकृष्ट-ठग ब्लागर ने IBN7 में कार्यरत अपने चमचा ब्लागर से 'रेखा जी' के मनोनयन की खिल्ली उड़वाता लेख एवं 'ज्योतिष एक मीठा जहर' शीर्षक दूसरा लेख लिखवाया एवं डायचेवेले पुरुसकार प्राप्त दूसरे चमचा ब्लागर से भी ज्योतिष विरोधी लेख लिखवाये थे जबकि खुद उस भृष्ट ब्लागर ने चार कुंडलियों एवं उसकी शिष्य ब्लागर ने भी चार जन्म्पत्रियों एवं डॉ अरुण प्रकाश मिश्रा ने भी एक जन्मपत्री का निशुल्क विश्लेषण मुझसे प्राप्त किया था।
इनके अतिरिक्त तब कनाडा स्थित एक ब्लागर राजेश नचिकेता जी ने अपने जाब एवं स्थान परिवर्तन संबंधी जानकारी सहित जन्मपत्री का विश्लेषण प्राप्त किया था उनको भारत में जाब भी मिल गया तथा उन्होने अपने विवाह का निमंत्रण भी भेजा था एवं आभार भी व्यक्त किया था। वहीं तब कनाडा स्थित दूसरी ब्लागर डॉ मोनिका शर्मा ने भी मुझसे जन्मपत्री का निशुल्क ज्योतिषीय विश्लेषण प्राप्त किया था और स्थान परिवर्तन हेतु परामर्श लिया था। फेसबुक गतिविधियों से ज्ञात हुआ है कि वह भी अब मुंबई में सेटिल हो गई हैं किन्तु उनकी कविता भृष्ट ब्लागर द्वारा निशुल्क छाप देने से वह उसके प्रभाव में हैं इसलिए उसके प्रति वफ़ाफ़ादारी निभाने के कारण- राजेश नचिकेता जी की तरह मुझको औपचारिक सूचना देना उनको आवश्यक नहीं लगा होगा ।
आगरा कालेज में जूलाजी के विभाध्यक्ष रह चुके डॉ वी के तिवारी जी ने मुझसे कुल छह जन्म पत्रियों का शुल्क भुगतान करके विश्लेषण प्राप्त किया था और अपने निवास तथा पुत्र के इन्स्टीच्यूट में भी 'वास्तु' हवन मुझसे ही करवाए थे। 2004 ई में डॉ तिवारी जी ने कैंसर का आपरेशन भी मुझसे मुहूर्त लेकर ही करवाया और सफलता प्राप्त की थी।दिवंगत होने से पूर्व जब तक वह स्वस्थ रहे मेरे संपर्क में रहे।
भारत पेट्रोलियम के वरिष्ठ अधिकारी डॉ ब्रिज मोहन उपाध्याय जी जिनको पटना में गोली मारी गई थी जो उनके पेट को चीर कर पीठ से निकल गई थी आगरा में मुझसे संपर्क करने के बाद लाभान्वित रहे। उनके किरायेदार -फुटवियर ट्रेनिंग सेंटर के डिप्टी डाइरेक्टर राहुल पुरी जी ने भी मुझसे न केवल परामर्श लिया बल्कि अपने निवास पर 'वास्तु' हवन करवाए तथा दिल्ली स्थित अपनी विवाहिता बहन जी की जन्मपत्रियाँ मुझसे ही विश्लेषण करवाईं तथा सभी शुल्क सहर्ष दिये।
सपा नेता पंडित सुरेश पालीवाल जी ने भी अपने पुत्रों,पुत्र-वधू तथा पौत्री की जन्म्पत्रियो का सशुल्क विश्लेषण मुझसे करवाया तथा निवास पर अनेकों बार 'वस्तु' हवन करवाए।
उपरोक्त सभी लोग ब्राह्मण जाति से तो थे किन्तु समझदार व पढे-लिखे होने के कारण मुझ 'कायस्थ' से ज्योतिषीय व वास्तु परामर्श लेने में हिचके नहीं। परंतु घोटालू साहब जाहिल ब्राह्मण हैं उनकी पढ़ाई-लिखाई केवल धन-उगाही तक सीमित है विचारों से वह सामंतवादी और निरे दकियानूस हैं ;हालांकि अपनी पुत्री के विवाह संबंधी जानकारी जन्मपत्री द्वारा मुझसे निशुल्क प्राप्त कर चुकने के बावजूद एहसान फरामोशी की हदें पार करते हुये मुझे सपरिवार नष्ट करने का अभियान चलाये हुये हैं।घोटालू साहब ने हमारे निवास के इर्द-गिर्द रहने वाले कम से कम चार बैंक कर्मियों एवं कई वकीलों के माध्यम से हमारे विरुद्ध मुहिम चला रखी है। अपनी ननिहाल-क्षेत्र के एक ब्राह्मण पूर्व विधायक को भी लगाया था किन्तु शायद दाल-भात में मूसलचंद बनना उनको ठीक नहीं लगा होगा और अब वह अलग हो गए। अपने ननिहाल से संबन्धित अपनी एक भाभी (जो निकृष्टम ठग ब्लागर की भी निकटस्थ हैं)के रिश्तेदार एक राजनीतिक दल के प्रदेशाध्यक्ष(जो अब पूर्व प्रदेशाध्यक्ष हो गए हैं) को भी घोटालू साहब ने अपनी दोस्ती के बूते हमारे विरुद्ध लगाया हुआ है जो कि पूर्व बैंक कर्मी होने के अलावा वकील भी हैं ।
भृष्ट-धृष्ट ब्लागर और उसके साथी ब्लागर्स तथा घोटालू साहब मेरे ज्योतिषीय विश्लेषणों को गलत साबित करके 'पोंगापंथी-ढ़ोंगी-ठग व लुटेरे' लोगों का बचाव करना चाहते हैं जो जनता को उल्टे उस्तरे से मूढ़ते हैं। ये लोग शोषकों-उतपीडकों/व्यापारियों/उद्योगपतियों के दलाल हैं और उनके ही दूसरे ढ़ोंगी-पोंगापंथी दलालों का संरक्षण करने हेतु मुझ पर प्रहार करवा रहे हैं। अवधेश पांडे का असफल प्रयास भी इसी कड़ी का हिस्सा था।
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सुंदर लेखन !
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