रविवार, 8 फ़रवरी 2015

शुक्रिया शुभेच्छुओं --- विजय राजबली माथुर

यों तो उन सभी लोगों का तहे दिल से शुक्रगुजार हूँ जिन सब ने मेरे जन्मदिवस पर शुभकामनायें व्यक्त की हैं परंतु उन सब में इन कुछ को मैंने ब्लाग-पोस्ट के माध्यम से सहेजने की चेष्टा की है और उम्मीद करता हूँ कि इसका अन्यथा अर्थ नहीं लिया जाएगा।

वरिष्ठ किसान नेता एवं कामरेड आदरणीय राम प्रताप त्रिपाठी जी ने SGPGI ,लखनऊ के हृदय रोग विभाग में चिकित्साधीन होते हुये भी मुझको शुभकामनायें दी हैं जो मेरे लिए अमूल्य आशीर्वाद स्वरूप हैं। उनसे काफी कुछ सीखने-समझने का अवसर प्राप्त हुआ है जिसे मैं अपना सौभाग्य मानता हूँ।
  • Thursday


  • Shesh Narain Singh
    Shesh Narain Singh

    Happy birthday Comrade
    अग्रज तुल्य आदरणीय शेष नारायण सिंह जी ने अपने 'राईटर्स एंड जर्नलिज़्म' से सम्बद्ध करके मेरा मान बढ़ाया है और सदैव व्यक्तिगत मेसेज के जरिये अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं। 






    अग्रज तुल्य जितेंद्र रघुवंशी जी व बहन ज्योतसना रघुवंशी जी से तो आगारा से ही व्यक्तिगत रूप से परिचय है बल्कि इनके पिताजी व माताजी से पार्टी मंच के माध्यम से बहुत कुछ सीखा है। आदरणीय राजेन्द्र रघुवंशी जी के सहयोग से ही 1987 में AIPSO के कानपुर सम्मेलन में भाग भी लिया था। 
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    बहन अर्चना उपाध्याय जी व बंधु नरेंद्र परिहार जी निरंतर मेरा उत्साहवर्द्धन करते रहते हैं।




    आदरणीय डॉ डंडा लखनवी जी का आशीर्वाद सदा ही मुझे प्राप्त होता रहता है । लेखन के आधार पर ही उनसे घरेलू परिचय भी हुआ है। उनकी एक  दिशा-प्रेरक काव्य रचना भी मुझे उनसे भेंट स्वरूप प्राप्त हुई है। बंधु ध्रुव गुप्त जी के कई लेखन मैंने अपने ब्लाग में  भविष्य हेतु समेट लिए हैं और उनसे आत्मीयता प्राप्त की है।

अनिल चौहान साहब फेसबुक में तो अब मेरे साथ सम्बद्ध हुये हैं परंतु उनके पिताजी आदरणीय कामरेड डॉ रामगोपाल सिंह चौहान साहब का स्नेह मुझे प्राप्त रहा है। भाकपा, आगरा में ज़िला कोषाध्यक्ष पद पर अपने उत्तराधिकारी के रूप में नियुक्त करवा कर डॉ साहब ने मेरा अत्यधिक मान वर्द्धन किया था जिसे मैं कभी भी नहीं भूल सकता।


संजोग वाल्टर साहब ने मेरे ब्लाग लेखन को काफी सराहना प्रदान की है। उनसे व्यक्तिगत परिचय भी स्थापित हुआ है। इनके भी कई लेखन मैंने अपने ब्लाग्स में समेट  रखे हैं और इनसे बराबर प्रोत्साहन मिलता रहता है।


डॉ सुधाकर अदीब साहब के संबंध में कुछ भी कहना सूरज को दीपक दिखाना होगा। वह सदैव मेरे लेखन की सराहना करके मुझे प्रोत्साहित करते रहते हैं। उनसे उनके दो उपन्यास भी मुझे भेंट स्वरूप प्राप्त हुये हैं। एक पर दिये गए मेरे दृष्टिकोण को भी उनसे मान प्राप्त हुआ है। एक यशस्वी लेखक और उच्चाधिकारी होते हुये भी दूसरों को अदीब साहब जिस प्रकार प्रेरित करते हैं वह सराहनीय व अनुकरणीय है। 



जगदीश चंदर जी के भी कई लेख मैंने अपने ब्लाग में सहेज लिए हैं और उनसे सहयोग प्राप्त करता रहता हूँ। 







 वैसे फेसबुक के माध्यम से तो सभी जनों को आभार व्यक्त कर ही चुका था किन्तु इस ब्लाग-पोस्ट का उद्देश्य सिर्फ यह बताना था कि शुभेच्छुओं में से कुछ से पूर्व व्यक्तिगत परिचय भी रहा है। किन्तु मेरे जिस लेखन के आधार पर इन महान लोगों से आत्मीयता व सराहना मिलती है उसे बल मिलता है उन लोगों के विचारों व लेखन के अध्यन से ही। फोन पर sms व फेसबुक पर टिप्पणी के माध्यम से कुछ महान लोगों से भी बधाई मिली है किन्तु उनका नामोल्लेख किसी खास वजह से नहीं कर पा रहा हूँ वे स्वम्य समझ लेंगे। सभी जनों के प्रति हार्दिक आभार।

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