मंगलवार, 2 जून 2020

ब्लाग - लेखन के दस वर्ष ------ विजय राजबली माथुर

" 1-Quick & fast decision but slow & steady action.
2-Decided at once decided for ever & ever .
3-उदारता एक मानवीय गुण है सभी को उदार होना चाहिए किन्तु उसके साथ-साथ पात्र की अनुकूलता भी होनी चाहिए।
4-जब तक जियो स्वाभिमान से जियो ; चाहे सर कटा लियो पर सर झुका न लियो।
5-सत्य बोलो चाहे कटु ही हो, असत्य न बोलो चाहे प्रिय ही हो।
6-न सूरत बुरी है, न सीरत बुरी है; बुरा है वह जिसकी नीयत बुरी है।"
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इन तथ्यों के आधार पर 02 जून 2010 से ' क्रांतिस्वर ' नाम से ब्लाग लेखन प्रारंभ किया था उसके बाद 03 अगस्त 2010 से ' विद्रोही स्व - स्वर में ' नामक एक और ब्लाग का प्रारंभ किया तत्पश्चात ' कलम और कुदाल ' , ' सुर संगीत ',' सर्वे भवन्तु सुखिन : ' ब्लागस भी शुरू किए किन्तु मोदी / केजरीवाल ग्रुप द्वारा इन ब्लागस को फ़ेसबुक पर कम्युनिटी के अगेनसट् घोषित कराए जाने के कारण अब लिंक देना संभव नहीं रह गया है। ' साम्यवाद - communism ' नामक एक और ब्लाग लेखन भी जारी है।
2010 में ब्लाग - लेखन से पूर्व मेरठ में ' पी सी टाईम्स ' एवं आगरा के ' सप्तदि वा ' साप्ताहिक, ' ब्रह्मपुत्र ' साप्ताहिक में तथा कुछ समय ' अग्रमंत्र ' त्रैमासिक में मेरे लेख छपते रहे थे।
' सप्तदिवा ' साप्ताहिक तथा ' अग्रमंत्र ' त्रैमासिक में मैंने उप - संपादक के रूप में भी कार्य किया है। लखनऊ आने पर भी एक स्थानीय अखबार में ब्लाग - लेखन से पूर्व मेरे लेख छपे हैं।
कुछ ब्लाग पोस्ट्स को कुछ अखबारों ने सूचित करके अपने यहाँ भी स्थान दिया है।
सं सामयिक विषयों पर ' सर्वजन हिताय - स्वांतः सुखाय ' आधार पर ब्लागस तथा फ़ेसबुक पर लेखन सतत जारी है और स्वस्थ रहने तक जारी रहेगा ।

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