पुनः लखनऊ 2009 में आ गए थे और जून 2010 से ब्लाग प्रारंभ करके लेखन से संबंधित लोगों से संपर्क स्थापित हो गए थे। 2011 से फ़ेसबुक पर भी लोगों से संपर्क बने इनमें से शहर - स्थित कुछ लोगों से व्यक्तिगत संपर्क भी हुए।रिश्तेदार और गैर रिश्तेदार ऐसे कुछ लोग जन्मदिन पर बधाई संदेश भेजते रहे हैं लेकिन इस बार कुछ अधिक लोगों ने कुछ अधिक तौर पर शुभकामनाएं दी हैं उनमें से कुछ प्रस्तुत हैं।
1963-64 की शाहजहांपुर जिला वाद - विवाद प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार के रूप में जयशंकर प्रसाद जी के काव्य ' कामायनी ' :
मेरठ कालेज, मेरठ में 1970-71 में भाषण गोष्ठी में द्वितीय पुरस्कार के रूप में प्राप्त चार पुस्तकें :
होली के अवसर पर हवन। |
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