शुक्रवार, 18 जनवरी 2013

बात की बात कि बेबात की फिक्र ---विजय राजबली माथुर

 पिछली पोस्ट  मुझे एक ब्लागर साहब द्वारा ब्लाग से हट कर फेसबुक पर सक्रिय होने की बात पर लिखनी पड़ी थी तो यह पोस्ट भी उनके एक पोस्ट मे -नीचे लिखे इनवर्टेड कामा वाले वाक्यांश पर ही आधारित है।
" एक तो वैसे ही एक पोस्ट लिखने में घंटों ख़राब हो जाते हैं, फिर पढने वाले भी जब ज्यादा नहीं मिलते तो लो कॉस्ट बेनेफिट रेशो देखकर दम ख़म ही ख़त्म सा हो जाता है।"वाक्यांश से सिद्ध होता है कि जो लोग ब्लाग लेखन वाह-वाही बटोरने मात्र के लिए करते हैं उनके लिए फेसबुक पीड़ादायक है। ठीक भी है-'जाकी रही भावना जैसी,प्रभू तिन्ह मूरत तीन तैसी।'
फेसबुक और फेसबुक ग्रुप्स तो ब्लाग-पोस्ट पर विजिट बढ़ाने मे खासे कारगर सिद्ध हुये हैं बशर्ते कि ब्लाग पोस्ट जनहित मे हो तो।
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 वाहवाही के ख़्वाहिशमंद लोग वाहवाही न मिलने पर हताश व निराश हो सकते हैं परंतु यदि उद्देश्य वाहवाही न बटोरना होकर केवल जनहित हो तो कहीं भी कोई फर्क नहीं पड़ता है। स्वार्थी और चापलूस लोगों की राय पर किसी लेखक को क्यों निर्भर करना चाहिए?ब्लाग और फेसबुक की वरीयता या श्रेष्ठता का झगड़ा ही क्यों?जिस प्रकार 'चाकू-knife'एक डॉ के हाथ मे सर्जक है लेकिन एक डाकू के हाथ मे जानलेवा तो दोष 'चाकू' का नहीं उसके प्रयोग कर्ता का होगा ठीक उसी प्रकार ब्लाग/फेसबुक के उपयोगकर्ता की मानसिकता पर सदुपयोग/दुरुपयोग निर्भर है न कि किसी की श्रेष्ठता और किसी की निकृष्टता पर। लेखक की शब्दावली नहीं उसके चरित्र पर ध्यान दें।

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  • Salahuddeen Ansari vijay rajbali ji, aapney bilkul theek farmaya. Upkarno ko dosh detey hein aur nirantar unka galat prayog kar sahi parinamo ki asha kartey hein.


  • Bechu Giri mathur sahab , aapne bilkul thik likha hai lisi bhi masale me dosh sadhan ka nahi sadhak ka hota hai ki vah kishke liye tatha kiski keemat par sadhan ka estemal kar raha hai.
    14 minutes ago · Unlike · 1



    दोस्तों
    मेरे वर्ड प्रेस ब्लॉग पर एक अश्लील पोस्ट मेरी नज़र मे आई है। जो मेरी I D से प्रकाशित है।

    इस ब्लोग पर अधिकतर पोस्ट्स मैं ई मेल के द्वारा प्रकाशित करता हूँ जिसका कोड मेल की कोंटेक्ट लिस्ट में भी एड है।

    वास्तव में कई दिन से मुझे इस बात का शक है कि मेरी जी मेल आई डी को हैक करने के प्रयास किए जा रहे हैं। कौन लोग ऐसा कर रहे हैं या कर सकते हैं इसकी भी मुझे जानकारी होती जा रही है।

    फिलहाल वर्डप्रेस पोस्टिंग कोड और ई मेल पासवर्ड मैंने बादल लिया है पोस्ट को वर्डप्रेस को भी रिपोर्ट कर दिया है

    पाठकों को हुई असुविधा के लिए मुझे बहुत खेद है।

    यशवंत माथुर
    Unlike · · · 18 minutes ago ·

    • You, Sanjog Walter and 2 others like this.
    • Yashwant Mathur यह संभवतः ट्रायल है तभी ब्लॉग्स्पॉट पर ऐसी ओछी हरकत नहीं हुई है। सुरक्षा के मेरे उपाय जारी हैं।
    • Chandrakanta Ck ओह!अब ऐसे गंभीर मंच को भी अपनी खुराफाती गतिविधियों का अड्डा बनाने में जुट गए हैं कुछ लोग ..
      • Vijai RajBali Mathur जहां तक संभावना है इस प्रकार की बेहूदा हरकतों के पीछे पूना प्रवासी भ्रष्ट-धृष्ट ब्लागर के चमचा ब्लागर्स का हाथ हो सकता है।

        उक्त बुद्धिमान ब्लागर साहब को गुमान है कि ब्लाग लेखक फेसबुक लेखक के मुक़ाबले गंभीर और परिपक्व होते हैं उनकी जानकारी के लिए 'यशवंत' के इस फेसबुक स्टेटस को उद्धृत कर रहा हूँ कि,किस प्रकार ब्लाग लेखक निकृष्ट धृष्टता करते हैं जबकि ब्लाग पर उसे रोकने की कोई व्यवस्था भी नहीं है । इसके मुक़ाबले फेसबुक पर धृष्टता करने वाले को 'ब्लाक' किए जाने की सुविधा भी उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त जो सच्चाई है वह यह है कि,-
        Blog and Face book are  supplementary and complimentary  to each other. 

        हम ब्लाग  पोस्ट को फेसबुक और इसके विभिन्न ग्रुप्स मे लिंक देकर अधिक से अधिक लोगों की जानकारी मे पहुंचा सकते हैं जबकि केवल ब्लाग लेखन केवल ब्लाग लेखकों तक ही सीमित रह जाता है। 
        पूना प्रवासी भ्रष्ट-धृष्ट ब्लागर द्वारा मुझसे खुद चार जन्मपत्रियाँ निशुल्क प्राप्त करने के बाद 'रेखा जी' के राज्यसभा मे मनोनीत होने पर मेरा आंकलन सही सिद्ध होने पर मेरे ज्योतिष ज्ञान के  विरुद्ध अपने चमचा ब्लागरों से   
        आधारहीन ब्लाग पोस्ट लिखवाये गए हैं जिनमे ज्योतिष को मीठा जहर और 100 प्रतिशत झूठा बताया गया है। यशवंत के विरुद्ध भी सुनियोजित षड्यंत्र चलाये जा रहे हैं उपरोक्त उद्धृत वारदात भी उसी की एक कड़ी प्रतीत होती है। तो यह है ब्लाग लेखको की घृणित करतूतें जिनकी सराहना वह बुद्धिमान ब्लागर साहब करते हैं वैसे अपनी पोस्ट मे उन साहब ने पूना प्रवासी उस भ्रष्ट-धृष्ट ब्लागर की भी अपार प्रशंसा की थी।  

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