मंगलवार, 27 मार्च 2012

आगरा/1994 -95 / (भाग-4 )

उस वक्त सपा,आगरा के नगर अध्यक्ष कर्तार सिंह भारतीय,एडवोकेट थे। बालूगंज स्थित उनके निवास का उनका वकालतखाना (वकालत का कार्यालय) ही सपा का नगर कार्यालय था। उस वक्त के नगर महामंत्री अख्तर हुसैन रिजवी साहब ने मुझ से कहा था कि कभी-कभी वहाँ भी आ जाया करूँ ,वैसे उनसे तो न्यू आगरा मे मजार स्थित उनके निवास पर मिल लेता था। एक दिन भारतीय जी के आफिस से किसी और को कोई पत्र लेकर मेरे साथ मोपेड़ पर रिजवी साहब ने ही रवी प्रकाश अगरवाल जी के पास भेजा था तभी परिचय होने पर उन्होने यह आफ़र किया था क्योंकि वह और मै दोनों ही कमला नगर कालोनी मे थे अतः घर के नजदीक जाब का प्रलोभन भी दिखाया था। उनके पिताजी उस समय फीरोजाबाद आर्यसमाज के प्रधान थे। रवी प्रकाश जी ने अपना व्यापार वहाँ से आगरा शिफ्ट किया था,उनका कहना था कम्युनिस्ट लोग मेहनती और ईमानदार होते हैं इसलिए उन्होने मुझे आफ़र किया था वरना वह बिना किसी मजबूत सिफ़ारिश के कोई कर्मचारी नहीं रखते हैं। बावजूद इसके कि हींग-की-मंडी की दुकानों मे संतोषजनक स्थिति न थी मैंने पार्टी नेता की नौकरी करना उचित न समझा ।

मेरे सपा मे होने के बावजूद कामरेड राम स्वरूप दीक्षित (जो अब आगरा मे भाकपा के जिला मंत्री हैं और 1992 मे बनने को तैयार न थे )अक्सर मुझ से मिलने घर पर आ जाते थे और मै भी उनके घर पर उनसे मिलता रहता था। हालांकि आगरा पूर्वी विधानसभा क्षेत्र के सपा के अध्यक्ष शिव नारायण सिंह कुशवाहा पहले मेरे साथ भाकपा मे ही थे उनकी सब्जी की दुकान पर न्यू आगरा मे उनसे भी मुलाक़ात होती रहती थी वह रिजवी साहब के बड़े भगत थे।

 छीपीटोला मे किसी जैन व्यापारी को राजस्थान पुलिस उसके घर से सीढ़ी लगा कर ऊपर चढ़ कर उठा ले गई थी। रिजवी साहब,शिव नारायण कुशवाहा  और भी  मै भारतीय जी के आफिस मे थे बाद मे रवी प्रकाश अग्रवाल साहब आए और बताया कि छीपीटोला चौराहे पर भाजपा ने जाम लगा दिया है और उनके विरोध मे कांग्रेस भी साथ दे रही है अतः हम लोग भी वहाँ चलें जिससे वह आंदोलन सपा सरकार विरोधी न हो सके। भारतीय जी ने और भी कार्यकर्ताओ को बुलवा लिया और चौराहे का आंदोलन सर्वदलीय हो गया। जनता की मांग राजस्थान पुलिस के विरुद्ध कार्यवाही की थी। IAS और IPS अफसर जब नेताओ को समझाने मे विफल रहे और व्यापारी नेता एवं भाजपा के राज कुमार सामा प्रदर्शन पर अडिग रहे तो सपा के व्यापारी नेता रवी प्रकाश अग्रवाल ने भी वही स्टैंड अपना लिया जिससे कि बाजी भाजपा के हाथ मे न चली जाये। एडवोकेट भारतीय जी की सलाह पर ए डी एम ,सिटी PCS अधिकारी बाबा हर देव सिंह (अब रालोद के प्रदेशाध्यक्ष) ने कमान सम्हाल ली ,एक ओर तो उन्होने मुख्यमंत्री मुलायम सिंह जी से वायरलेस पर संपर्क साधा दूसरी ओर भाजपा,सपा,कांग्रेस आदि विभिन्न पार्टियों के नेताओ से और अंत मे सब को मुख्यमंत्री से हुये फैसले की जानकारी देकर धरना-जाम आधे घंटे मे समाप्त करा दिया। बाद मे सपा के सभी लोग भारतीय जी के कार्यालय लौट आए जहां सेल्स टैक्स समाप्त कराने की घोषणा मुख्यमंत्री मुलायम सिंह द्वारा शीघ्र ही किए जाने की उन्होने सूचना दी। भाजपा के व्यापारियों की यह मुख्य मांग थी किन्तु अपने शासन मे उन्होने पूरी न की थी। इसका श्रेय भी आगरा मे रवी प्रकाश जी को मिला। 

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